Chapter: दूसरा अधिकार
Page#: 26&27
Paragraph #: 1,2&3
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Summary:
# FILL IN THE BLANKS :
1)अल्प योग हो तो _____ परमाणुओं का ग्रहण होता है और बहुत योग हो तो _____परमाणुओं का ग्रहण होता है।
Ans - कम ,बहुत
2) कुल कर्म की प्रकृतियाँ _____ होती है।
Ans - 148
3) धर्म के अंगो में काया, वचन और मन की प्रवृत्ति होना ____ योग है।
Ans - शुभ
4)एक बार में _____ कर्म बंधते हैं और एक बार में _____ कर्म झड़ते है।
Ans - अनंत
5)_____ कर्म के उदय से शरीर, वचन और मन उत्पन्न होता है।
Ans - नाम कर्म
# TRUE/FALSE :
1)चारो प्रकार के बंध एक जीव को एक साथ एक ही समय में बंधते है।
Ans- ✔️
2) सिद्ध भगवान में कर्म आकर्षण की शक्ति होती है और काम करती है।
Ans- ✖️
3)संसार अवस्था में प्रति समय हर जीव के योग चलता है।
Ans- ✔️
4) अरिहंत भगवान को योग के कारण से अनंत कर्म के परमाणु आते है।
Ans- ✔️
5)विग्रह गति में योग नहीं पाया जाता है।
Ans- ✖️
# VERY SHORT ANSWER :
1)योग किसे कहते है?
Ans - जो कर्म आकर्षण की जीव में शक्ति है उसे योग कहते है।
2) योग कितने प्रकार के होते है?
Ans - 2 प्रकार के होते है भाव योग और द्रव्य योग।
3) द्रव्य योग कितने प्रकार के होते है?
Ans - 3 प्रकार के मन ,वचन, काय।
4) एक जीव एक बार में कितने परमाणुओं को ग्रहण करता है?
Ans -अनंत (अथात् अभव्य राशि का अनंतगुणा और सिद्ध राशि का अनंतवा भाग)।
5)सामान्य संसारी जीव को एक बार में कम से कम कितने प्रकार के कर्म बंधते है?
Ans- 7 प्रकार के आयु को छोड़ कर।
# ANSWER IN ONE WORD :
1) आत्म प्रदेशो का पेरिस्पंदन होना या कंपन होना उसे क्या कहते है?
Ans-द्रव्य योग
2)कौन से गुणस्थान तक योग पाया जाता है?
Ans-13 वे तक ( सयोग केवली)
3)अधर्म के अंगो में काया, वचन और मन की प्रवृत्ति होना कौन सा योग कहलाता है?
Ans-अशुभ योग
4)विग्रह गति में कौन सा योग होता है?
Ans- कार्माण काय योग
5) नौ कर्म बनने के लिए कौनसा योग सहायक (Responsible) है?
Ans - द्रव्य योग
#SHORT ANSWER TYPE :
1)आठो कर्मों में से कौनसे कर्म के कारण से नवीन कर्म बंध होता है?
Ans-प्रधानता मोहनीय कर्म के उदय के निमित्त से होने वाले जो जीव के मोह, राग, द्वेष के परिणाम है उनसे नवीन कर्म का बंध होता है।
2)बंध कितने प्रकार के होते हैं और कौन-कौन से?
Ans-बंध 4 प्रकार के होते है:
प्रकृति ,प्रदेश ,स्थिति, अनुभाग
1️⃣प्रकृति - कर्म का स्वभाव।
2️⃣प्रदेश - कर्म के परमाणुओं की संख्या।
3️⃣स्थिति - कर्म का आत्मा के साथ रहने का काला।
4️⃣अनुभाग - कर्म के आत्मा को फल देने की शक्ति।
3)आत्मा के प्रदेश का पेरिस्पंदन कब पाया जाता है?
Ans-जब भी काया, वचन और मन की क्रिया की जाए तब प्रदेशो का परिस्पंदन पाया जाता है।
4)मन, वचन और काय योग किसे कहते है?
Ans-
1️⃣काय योग - काया की क्रिया के लिए जो प्रयत्न होता है उसे काय योग कहते है।
2️⃣वचन योग - वचन के लिए जो प्रयत्न होता है उसे वचन योग कहते है।
3️⃣मन योग - चिंतन करते समय जो प्रयत्न होता आत्मप्रदेशो में उसे मन योग कहते है।
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