Saturday, December 16, 2023

Class Date: 14-11-23
Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 23
Paragraph #: 6 
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Summary:

रिक्त स्थान भरो 


① जीव द्रव्य देखने जानने रूप --------- गुण का धारक है?

उत्तर -(चेतना)

② जो सामान्य को ग्रहण करे उसे कहते हैं --------

उत्तर - (दर्शन)

(3) जो विशेषता के साथ जाने उसे कहते हैं.--------

उत्तर (ज्ञान)

(4) ज्ञान और दर्शन का काम----- है

उत्तर - (जानना)

सही गलत बताइये 


① चेतना गुण का धारक जीव है?

उत्तर-- सही

② आत्मा इन्द्रियगम्य है।

उत्तर - (गलत)

③ आात्मा मूर्तिक है।

उत्तर -( गलत)

4) जिसके द्वारा जीव का ज्ञान हो उसे इन्द्रिय कहते हैं

उत्तर -(सही)

बहु  वैकल्पिक प्रश्न 


1- स्पर्श रस गंध वर्ण शब्द जिसमें नहीं होते उसे कहते हैं?

उत्तर -A (अमूर्तिक)
B-मूर्तिक
C-दोनों
D-कुछ नहीं

उत्तर A-अमूर्तिक

2. आत्मा में संकोच और विस्तार की शक्ति
(A) सहित है
(B) रहित है
(C)दोनों है
(D)दोनो नहीं है।

उत्तर - ( A )सहित है

③ आत्मा इंद्रियगम्य नहीं होने वाला पदार्थ हैं 
(A) मूर्तिकार
(B) अमूर्तिक
(C) दोनों
(D)कोई नहीं

उत्तर - (B) (अमूर्तिक)

 प्रश्न उत्तर

① इन्द्रियगम्य किसे कहते है ?

उत्तर- इन्द्रियों के द्वारा' जो जाना जा सकेगा अर्थात जानने की capability इंद्रियों के द्वारा हो जाए।

② अमूर्तिक किसे कहते हैं?

उत्तर- स्पर्श रस गंध वर्ण शब्द जिसमें नहीं होते हैं।

③ मूर्तिक किसे कहते है ?

उत्तर -जिसमें स्पर्श रस गंध वर्ण पाया जाए उसे मूर्तिक कहते हैं।

④ ज्ञान और दर्शन में क्या समानता है?

उत्तर- ज्ञान और दर्शन दोनों में समानता है। की दोनों में चेतना गुण है!अर्थात संवेदनशील है !इनके द्वारा संवेदन किया जाता है।

5)-चेतना किसके द्वारा काम करती है?

उत्तर - चेतना ज्ञान और दर्शन के द्वारा

6)-दर्शन किसे कहते है?

उत्तर- जो बिना detail किये हुए केवल सत्ता का अवलोकन ,सत्ता का महसूस करना करता है ।उसका नाम दर्शन हैं।

7)-ज्ञान किसे कहते है?

उत्तर-- विशेष जो संवेदा जाता है detail के साथ में जो जाना जाता है।वह ( जानना) ज्ञान कहते हैं!

(8) जड़ किसे कहते है?

उत्तर - जो चेतना रहित है।

(9) -जीव एवं कर्म में भिन्नता बताइए ?

उत्तर-
① जीव है चेतना वाला!
1-कर्म है अजीव

② जीव है अमूर्तिक
2-कर्म है मूर्तिक

③ जीव है एक
3-कर्म है अनन्त (अनेक)


टिप्पणी


(जीव और कर्म में भिन्नता) ---

जीव द्रव्य तो जानने - देखने रुप चेतना गुण का धारक है ।इंद्रियगम्य न होने योग्य ,अमूर्तिक, है ।एवं संकोचविस्तार शक्ति साहित असंख्यात प्रदेशी एक द्रव्य है ।
एवं कर्म है वह चेतना गुण रहित, जड़ है। मूर्तिक है अनंत पुद्गल परमाणुओं का पिंड है।
इसलिए दोनो -चीज अलग-अलग Nature वाली है । जीव और कम एक द्रव्य नहीं है। इस प्रकार से जीव और कर्म एक ही द्रव्य एक ही वस्तु एक ही पदार्थ नहीं है इसलिए इनको भिन्न-भिन्न समझना।

Notes Written By Priyanka Godha.


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