Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 28
Paragraph #: 3 
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Summary:
रिक्त स्थान भरे
१. प्रकृति बंध मैं ___ योग से अंतर पढ़ता है। 
 उ. शुभ/अशुभ 
२. प्रदेश बंध मैं ___ योग से अंतर पढ़ता है। 
उ. कम/ज्यादा 
३. स्तिथि/अनुभाग बंध मैं ___ कषाय से अंतर पढ़ता है।
 उ. तीव्र/मंद 
४. जिन्हें __ नहीं करना हो वे ___ करें | 
उ. बंध, कषाय नहीं 
उत्तर लिखिए
१. ज्यादा कर्म कितने प्रकार से बाँध सकते है ? 
उ. ४ प्रकार से, ज्यादा प्रकृतियाँ, ज्यादा प्रदेश, ज्यादा स्तिथि, ज्यादा अनुभाग बंध 
२. कम कर्म कितने प्रकार से बाँध सकते है ? 
उ. ४ प्रकार से, कम प्रकृतियाँ, कम प्रदेश, कम स्तिथि, कम अनुभाग बंध 
३. मदिरा के दृष्टांत मैं प्रकृति , स्तिथि, प्रदेश और अनुभाग लिखे।  
उ.  प्रकृति - मदिरा 
     प्रदेश - मदिरा की कम/ ज्यादा मात्रा
     स्तिथि - उन्मत्तता का छोटा/लम्बा  समय  
     अनुभाग - उन्मत्तता थोड़ी/ ज्यादा 
४. मुख्यता से कषाय ही कर्म बंध का कारण कैसे? 
उ. जिस प्रकार मदिरा की मात्रा की अपेक्षा उसकी उन्मत्तता उत्पन्न करने की शक्ति से मदिरा हीनाधिकपने को प्राप्त होती है, उसी प्रकार प्रदेश की अपेक्षा स्थिति/अनुभाग से कर्म हीनाधिक पने को प्राप्त होते है, अतः कषाय जो की स्थिति और अनुभाग बंध का कारण है, मुख्यता से बंध का भी कारण कही गयी है । 
५. मंद कषाय होने पर बंध किस प्रकार होता है?
उ.  स्तिथि बंध - पाप प्रकृति का कम,  पुण्य प्रकृति का कम
    अनुभाग बंध - पाप प्रकृति का कम,  पुण्य प्रकृति का ज्यादा 
निचे दिए गए बंध प्रकार के कारण लिखे
१.  पुण्य प्रकृति की कम परमाणु संख्या और ज्यादा स्तिथि बंध 
उ. कम योग, कषाय ज्यादा 
२. पाप प्रकृति की ज्यादा परमाणु संख्या और ज्यादा स्तिथि बंध 
उ. ज्यादा योग, कषाय ज्यादा 
३. पुण्य प्रकृति की कम परमाणु संख्या और कम स्तिथि बंध 
उ. कम योग, कषाय कम 
४. ज्यादा प्रकृति बंध, पाप कर्म का अनुभाग कम , पुण्य कर्म का अनुभाग ज्यादा 
उ. ज्यादा योग, कषाय कम
सही/गलत लिखिए
१. ज्यादा कर्म परमाणु का बंधन अधिकपने को ही प्राप्त होते है। 
Ans-  गलत, शक्ति कम भी हो शक्ति है  
२. कम कर्म परमाणु का बंधन हीनपने  को ही प्राप्त होते है।
Ans-  गलत, शक्ति ज्यादा भी हो शक्ति है  
३. सोते समय कर्म कम बंधते है । 
Ans- गलत, प्रदेश अपेक्षा से कम, पर शक्ति ज्यादा भी हो शक्ति है  
४. परमाणु की संख्या अपेक्षा परमाणु की शक्ति ज्यादा बंध का प्रमाण है । 
Ans- सही 
५. मंदिर मैं शांत बाह्य प्रवृत्ति से पूजा करते समय ज्यादा पाप कर्म बांधे जा सकते है । 
Ans- सही, कषाय तीव्र होने पर 
६. कषाय से ही कर्म बंध होता है ? 
Ans- गलत, योग से प्रकृति/प्रदेश बंध होता है, जिसमे ही कषाय द्वारा स्तिथि/अनुभाग  पड़ता है 
७. अगर कषाय कम हो तोह घातिया कर्म नहीं बंधते है |
Ans-  गलत, प्रकृति बंध योग से होता है, घातिया कर्म निरंतर अपने-अपने गुणस्थान मैं यथायोग्य बंधते है 
 
 
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