Chapter: दूसरा अधिकार
Page#: 25
Paragraph #: 3
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Summary:
Q.1. इनमें से कौन सा कथन नैमित्तिक सिद्धांत को खंडित करता है।
Ans-
(क) सहायक सामग्री कार्य का हिस्सा नहीं हो सकती।
(ख) जो वस्तु स्वयं कार्य में परिणमित हुई है उपादान है।
(ग) कई वस्तुएं स्वयं कार्य रूप परिणमित तो नहीं होती किंतु कार्य के होने में सहायक होती हैं और निमित्त कहलाती हैं।
(घ) निमित्त ही नैमेत्तिक में कार्य कराता है।
उत्तर- (घ)
सही / गलत उत्तर चुनिए
(क). एक पुद्गल पदार्थ का दूसरे पुद्गल पदार्थ से निमित्त नैमेत्तिक संबंध बन सकता है।
उत्तर- सही
(ख). कर्मों का पुदगल से निमित्त-नैमेत्तिक संबंध संभव नहीं।
उत्तर -गलत
(ग) निमित्त-नैमेत्तिक संबंध मात्र जीव और कर्मों में ही घटित होता है।
उत्तर- गलत
(घ) कर्म के निमित्त से जीव में भाव होते हैं।
उत्तर- गलत
(ङ) कर्म के उदय के निमित्त से जीव में भाव होते हैं।
उत्तर- सही
(च). क्या कर्म के कारण जीव को बाह्य सामग्री मिलती है।
उत्तर - नहीं
(छ) क्या कर्मोदय के कारण जीव को बाह्य सामग्री मिलती है।
उत्तर- हाँ
(ज) जैसे कर्म का उदय आता है वैसा जीव में परिणाम होता है।
उत्तर- सही
(झ) जीवन की प्रत्येक घटना का संबंध कर्मोदय से हैं।
उत्तर- गलत
(ञ) जीव के विभाव परिणमन में भूल कर्मेदिय की है।
उत्तर- गलत
(ट) जीव के विभाव परिणमन में भूल जीव की है कर्मोदय तो निमित्त मात्र है।
उत्तर - सही
(ठ) प्रत्येक समय के बदलाव को वस्तु का परिणमन कहते हैं।
उत्तर - सही
(ड) ज्ञान, दर्शन, चारित्र, सुख, वीर्य जीव के स्वाभाव हैं।
उत्तर - सही
(ढ) उपादान और नैमेत्तिक पर्यायवाची हैं।
उत्तर- गलत
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