Chapter: दूसरा अधिकार
Page#: 26
Paragraph #: 3,4,5
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Summary:
रिक्त स्थान -
1. कर्म बंध ...... प्रकार के होते है
उत्तर- चार
2. कर्म का आत्मा के साथ रहने के काल को ..... बंध कहते हैं।
उत्तर- स्थिति
3. कर्म की प्रकृति ....... प्रकार की होती है।
उत्तर- आठ
4.प्रकृति व प्रदेश बंध ...... के निमित्त से होता है।
उत्तर - योग
5.कर्म के आत्मा को फल देने की शक्ति को ....... कहते है।
उत्तर - अनुभाग
सही/गलत -
1. योग, आत्मा की शक्ति है
Ans- (सही)
2. परद्रव्य कर्म बंध का कारण है
Ans- (गलत)
3. कर्म परमाणु की संख्या को प्रदेश बंध कहते है
Ans- (सही)
4. योग और कषाय दोनों कर्म बंध का कारण है
Ans- (सही)
5. बाह्य वस्तु यद्यपि बंध का कारण नही है, परन्तु उसका त्याग किये बिना जीव के परिणाम निर्मल नही होते हैं और कर्म बंध होता है
Ans- (सही)
6. मन,वचन, काय के निमित्त से आत्मा के प्रदेशों मे परिस्पंदन के कारण जो कर्म बंधते है उसे योग कहते हैं
Asn- (सही)
7. मोहनीय कर्म को छोड़कर, अन्य कर्मों के निमित्त से होने वाले जीव के भाव से कर्म बंध होता है
Ans- (गलत)
बहुवैकल्पिक प्रश्न -
1. नवीन कर्म बंधन का कारण क्या है ?
A. मोहनीय कर्म
B. जीव का परिणाम
C. मोहरूपी कर्म उदय से जीव का भाव
उत्तर - (C)
2. किस कर्म के उदय से शरीर, मन और वचन उपजता है ?
A नाम कर्म
B. मोहनीय कर्म
C. गौत्र कर्म
उत्तर- (A)
3. मोहनीय कर्म के उदय से जीवा के कैसे भाव होते है
A.अतत्वार्थ श्रद्धान
B.मिथ्यात्वभाव
C. कषाय भाव
D. उपरोक्त सभी
उत्तर- (D)
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