Thursday, December 7, 2023

Class Date: 5-12-23
Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 26
Paragraph #: 3,4,5
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Summary:

रिक्त स्थान -


1. कर्म बंध ...... प्रकार के होते है
    
       उत्तर- चार

2. कर्म का आत्मा के साथ रहने के काल को ..... बंध कहते हैं।

      उत्तर- स्थिति

3. कर्म की प्रकृति ....... प्रकार की होती है।

     उत्तर- आठ

4.प्रकृति व प्रदेश बंध ...... के निमित्त से होता है।
     
      उत्तर - योग

5.कर्म के आत्मा को फल देने की शक्ति को ....... कहते है।

     उत्तर - अनुभाग

सही/गलत -


1. योग, आत्मा की शक्ति है

Ans-  (सही)

2. परद्रव्य कर्म बंध का कारण है

Ans- (गलत)

3. कर्म परमाणु की संख्या को प्रदेश बंध कहते है 

Ans- (सही)

4. योग और कषाय दोनों कर्म बंध का कारण है 

Ans- (सही)

5. बाह्य वस्तु यद्यपि बंध का कारण नही है, परन्तु उसका त्याग किये बिना जीव के परिणाम निर्मल नही होते हैं और कर्म बंध होता है 

Ans- (सही)

6. मन,वचन, काय के निमित्त से आत्मा के प्रदेशों मे परिस्पंदन के कारण जो कर्म बंधते है उसे योग कहते हैं 

Asn- (सही)

7. मोहनीय कर्म को छोड़कर, अन्य कर्मों के निमित्त से होने वाले जीव के भाव से कर्म बंध होता है 

Ans- (गलत)

बहुवैकल्पिक प्रश्न -


1. नवीन कर्म बंधन का कारण क्या है ?

A. मोहनीय कर्म

B. जीव का परिणाम

C. मोहरूपी कर्म उदय से जीव का भाव

     उत्तर - (C)

2. किस कर्म के उदय से शरीर, मन और वचन उपजता है ?

A नाम कर्म

B. मोहनीय कर्म

C. गौत्र कर्म

     उत्तर- (A)

3. मोहनीय कर्म के उदय से जीवा के कैसे भाव होते है

A.अतत्वार्थ श्रद्धान

B.मिथ्यात्वभाव

C. कषाय भाव

D. उपरोक्त सभी

      उत्तर- (D)

Notes Written By Kritika Jain.

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