Tuesday, October 31, 2023

Class Date: 30-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 17
Paragraph #: 5
YouTubelink: https://www.youtube.com/live/9zN7hOcBH1c?si=fmea830u1FwzebJJ
Summary:

True/false -

A.श्रोता को शास्त्र अभ्यास में आसक्त होना चाहिए।

Ans-True /सही

B. श्रोता को शंका/प्रश्न नहीं पूछने चाहिए 

Ans-False/गलत

C. व्यवहार और निश्चय, नय के प्रकार है।

Ans-True/ सही

 एक शब्द में उत्तर दिजिये-

1. श्रोता को धर्म बुद्धि से क्या त्यागने योग्य है?

Ans. लोक निंद कार्य।

2. श्रोता को प्रवचन में किस प्रकार प्रश्न करना चाहिए?

Ans. विनयवान होकर।

3. श्रोता को किस नय का जानकार होना चाहिए?

Ans. व्यवहार और निश्चय दोनों नयो का ।

4. समवशरण के प्रवचन में किस जाति के जीव श्रोता होते हैं?

Ans. समस्त जाति के ।

5.श्राताओं के परस्पर क्या करना चाहिए ?

Ans. चर्चा कर शंका समाधान .

 प्रश्नो के उत्तर लिखिये-

1. पुराने होता के मुख्य गुण क्या है? Ans.पुराने श्राता के मुख्य गुण निम्नलिखित हैं:-

Ans- 1.जैन धर्म के सच्चे श्रद्धानी
2.व्यवहार और निश्चय नय के स्वरूप के जानकर 
3. विनयशीलता एवं विवेकी  
4. शास्त्रो के अभ्यासी 
5. लोक निंद कार्यों के त्यागी

2. व्यवहार एवं निश्चय नय का एक उदाहरण देकर समझाए 

Ans-
शरीर और आत्मा भिन्न है यह निश्चय नय है 
शरीर और आत्मा एक है यह व्यवहार नय है

Notes Written By Samta Jain.

Sunday, October 29, 2023

Class Date: 27-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 17
Paragraph #: 4 & 5
YouTube link: https://www.youtube.com/live/Yu9JzVAjpjk?si=hVrNv08Znx28sgc1
Summary:

सही/ गलत -

1 क्या में जानने देखने वाला ही हूं अन्य नहीं हूं ?

  Ans सही 

2 क्या मैं सुखी दुखी अपने ही भावो से होता हूं?

Ans सही 

3. शास्त्रों को पढ़ना, सुनना , निर्णय, करना श्रोता के गुण हे

Ans. सही 

4 . ये राग द्वेष क्या जीव के भाव नहीं है?

Ans. गलत

5. क्या तत्वों का निर्णय करना श्रद्धान नहीं है?

Ans. गलत 

6. शरीर हे सो में हुं।

Ans. गलत


प्र.1 मैं कौन हूं ऐसा विचार किसे आता है?

उत्तर जिसकी भली होनहार होती है ।

प्र.2 कौन आया है कौन जाएगा?

उत्तर न में आया हूं ना मैं जाऊंगा ।

प्रश्न 3 जिन धर्म की महानता का निर्णय करना क्या है ?

उत्तर श्रोता का गुण ।

प्रश्न 4 शास्त्र सुनने से किस कार्य की सिद्धि होती है?

उत्तर तत्वों के निर्णय की। 

प्रश्न 5 शास्त्र कैसे सुनना चाहिए?

उत्तर रुचि पूर्वक

 रिक्त स्थान -

1 शरीर हे सो ____हे।

 Ans अजीव

2 जिन धर्म के गाढ़ श्रद्धानी_____है।

Ans पुराने श्रोता 

3 नाना शास्त्र पढ़ने सुनने से बुद्धि ____होती हैं ।

Ans निर्मल

4 चलते फिरते सोते हुए शास्त्र सुनना _____है ।

Ans शास्त्र अवीनय

 पुराने श्रोता का स्वरूप -


Ans-जिन धर्म का गाढ़ श्रद्दानी होना चाहिए । बुद्धि निर्मल करने के लिए नाना शास्त्र का अध्ययन करने वाला । में जीव हूं जानने वाला ही हूं,में शरीर से भिन्न ही हूं, मुझे सुखी _दु:खी करने वाला कोई नहीं हे इस प्रकार के नाना चिंतवन करते हुए धर्म में लगे रहना शास्त्र अभ्यास करते रहना ही , सात तत्वों का निर्णय अपने और पर का निर्णय आदि बातो का निर्णय करने वाला ।

Notes Written By Rinku Doshi.

Friday, October 27, 2023

Class Date: 26-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 16 & 17
Paragraph #: 4 & 5
YouTube link: Summary:
https://www.youtube.com/live/IeIDSbJxUwk?si=lAVcROQxAMjQMsmI

रिक्त स्थान भरो -


1- देव शास्त्र गुरु पर पर सच्चा श्रद्धान रखने वाला-------है

उत्तर - सम्यक दृष्टि

2-वक्त---------से उपदेश दाता हो!

उत्तर -धर्म वुद्धि

3-निग्रन्थ गुरु से जो उपदेश सुनेगा उसका ----------होगा

उत्तर- कल्याण

4 - जो ----------से उपदेश देता है।वह अपना तथा अन्य जीवो का बुरा करता ।

उत्तर-कषाय बुद्धि 

सही/गलत बताइए -

1-श्रद्धान आदिक से गुण युक्त जो जीव हो उसके मुख से शास्त्र सुनना योग्य नहीं है।

उत्तर-गलत

2-अपनी आत्मा के कल्याण का प्रयोजन होना यही वक्ता का स्वरूप है।

उत्तर -सहीं

3-जो जिन धर्म आज्ञा मानने में सावधान है ।और जो स्वयं जिन धर्म आज्ञा पालते है ऐसे निग्रन्थ गुरु के निकट धर्म सुनना योग्य है।

 उत्तर -सहीं


वहुवैकल्पिक प्रश्न -


Q -1भली होनहार वाले व्यक्ति को विचार आता है।

(1) मैं कौन हूँ
(B) मेरा स्वरूप क्या है
(c) मेरा चरित कैसे बन रहा है
(D) तीनो

उत्तर -D तीनों

2) श्रोता कहते है।

(A) जो सुनता है।
(B) जो सुनाता है।
(C) जो बोलता है।
(D) जो कहता है।

उत्तर -A)जो सुनता है।

3) जो अपने को उपदेश देता हुआ, फिर उपदेश दे उसका नाम है।

(A) उपदेश दाता
(B) श्रोता
(C) वक्ता
(D) गुरु

उत्तर A-उपदेश दाता

 एक शब्द में उत्तर दो- 


1-हम सभी जीवो ने अनेक बार किया है।

उत्तर-पंचपरावर्तन

2-जो शास्त्र का प्रकरण चल रहा है ।शास्त्र के प्रकरण में जो शास्त्र को सुनने वाला है। भगवान के वचन सुनने वाला है। जो उपदेश दिया जा रहा है। निग्रन्थ- मुनिराज के द्वारा या किसी वक्ता के द्वारा उसे सुनने वाले को कहते हैं ।

उत्तर- श्रोता
            

 संक्षेप में उत्तर दीजिए -


प्रश्न 1) भली होनहार वाले व्यक्ति को क्या विचार आता है?

उत्तर -1 -मैं कौन हूँ।
2 )-मेरा स्वरूप क्या है।
3) मेरा चरित्र कैसे बन रहा है.।
4)-जो मेरे भाव हो रहे है उनका क्या फल आएगा।
5)-जो दुख हो रहा है उसको मिटाने का कोई उपाय है क्या।

Notes Written By - Priyanka Godha.

Thursday, October 26, 2023

Class Date: 13-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 9 & 10
Paragraph #: pg-9 (4 , 5 & 6 ). Pg-10 (1&2)
YouTube link:
https://www.youtube.com/live/StY_rKGylSc?si=rM8NsqFxe3VcQ9So
Summary: 

Q.1 सुख होने की , दुःख न होने की , सहाय कराने की , दुःख दिलाने की इच्छा किस रूप हैं?

Ans- कषायमय

Q.2 तत्काल तथा आगामी काल मे कषाय कैसी हैं?

Ans- दुःखदायक

Q.3 यह इच्छा को छोड़कर हमने क्या किया?

         • वीतराग
         • विशेषज्ञान
         • अर्हंतादिक को नमस्कार
         • सभी सही
Ans- सभी सही।

Q.4 पंडित टोडरमलजी ने कोन से ग्रंथ की रचना की?

Ans- "मोक्षमार्ग प्रकाशक"

Q.5 अक्षर कितने प्रकार के होते हैं?

Ans- 2 (दो)
         • निर्वर्ती (ध्वनि)
         • स्थापना (लिखने वाले)

Q.6 अक्षर और अक्षरों का समूह क्या कहलाता हैं?

Ans-  श्रुत

Q.7 ग्रंथ किससे बनता हैं?

      • अक्षर
      • शब्द
      • पद
      • उपरोक्त सभी से
      • किसी से भी नही

Ans - उपरोक्त सभी से।

Q.8 जो अक्षर बोलने मै आते हैं वे तो _____  ______ ऐसे ही प्रवर्तेते हैं।

Ans- सर्वत्र  सर्वदा

Q.9 अक्षर कब से हैं? / किसने रचे हैं?

Ans- अनादि - निधन हैं , किसी ने बनाए नही हैं।

Q.10 जो अक्षर लिखने में आते हैं, वे देश-काल के अनुसार अनेकों प्रकार के होते हैं, अनादि-निधन नहीं हैं | 

Ans- सही।

Notes Written By Bhumi Doshi.

Wednesday, October 25, 2023

Class Date: 24-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 16
Paragraph #: 2 , 3 & 4
YouTube link: Summary:
https://www.youtube.com/live/cQLhaAzL4Qg?si=piDW9RLPifPLNynX


 रिक्त स्थान भरो-


 *1* . जिसको अपने अथार्थ स्वरूप का अनुभव ना हुआ हो वह __________से ही वक्ता होता हैं।

 *उत्तर- पद्धति* 

 *2* . सच्चे वक्ता द्वारा ही ___________ सच्चे जिन धर्म का स्वरूप प्रगट किया जा सकता है।

 *उत्तर - अध्यात्म रसमय* 

 *3*. 14 विद्याओं में भी पहले __________ प्रधान कही गई है।

 *उत्तर - अध्यात्म विद्या*

सही /गलत बताइए - 


 *1*. जो जिन धर्म का मर्म जानता है वो पद्धति से ही वक्ता होता है। ( ) 

        *उत्तर- (गलत)* 

 *2* सच्चा वक्तापना होने का संबंध आत्मज्ञानी होने से ही है। ( )        
                     
            *उत्तर - ( सही)* 

 *3* त-त्वार्थ श्रद्धान हुए बिना भी सच्चे वक्ता को आत्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है ( )

          *उत्तर [गलत* ]

 *4* .मन पर्यय ज्ञान किसी वक्ता का सामान्य गुण होता है। ( )

         *उत्तर (गलत)* 

 *5* . जिन धर्म के रहस्य को वही वक्ता जानता है जो अध्यात्म रस का रसिया होता है ।( )

            *उत्तर ( सही)*

*(3)* 
     

बहुवैकल्पिक प्रश्न -


 *1* महान वक्ता मे गुण होने चाहिए ।

अ ] बुद्धि ऋद्धि के धारक हो 

[ब] अवधि मन: पर्यय ज्ञान के धारक हो

(स )केवल ज्ञान के धारक हो

 (द) ये सभी
            
           *उत्तर - (द* )

 *2* . दोहा पाहुड़ के अनुसार मूर्ख वक्ता कौन है ;

(अ). जो केवल शब्दो मे सन्तुष्ट है,
(ब) जो केवल अर्थ में सन्तुष्ट है;

(स) जो शब्द व अर्थ दोनो में ही संतुष्ट है

(द)जो परमार्थ को जानता है।

         *उत्तर - (स)*

      एक शब्द मे उत्तर दो -


 *1* .किसके बिना वक्ता आत्म ज्ञान से शून्य ही माना जाएगा।

 *उत्तर*- आगम ज्ञान,तत्वार्थ श्रद्धान और सयंमभाव के अभाव में।

 *2* दोहा पाहुड के अनुसार सच्चा पंडित कौन है ?

 *उत्तर* - जो परमार्थ को जानता है।

 *3* महान वक्ता का संयोग ना मिलने पर किनसे शास्त्र सुनना चाहिए?

 *उत्तर* - श्रद्धानादिक गुणों के धारी वक्ताओं से।

Short Answers -


1. जिन धर्म का मर्म / रहस्य कौन जान सकता है?
 *उत्तर* : *1* जिसे आत्मज्ञान हुआ हो ,

 *2* अध्यात्म रस का रसिया हो 

 *3* . जो परमार्थ को जानता हो 

*4* . जो आगम ज्ञान, तत्वार्थ श्रद्धान,संयम भाव से युक्त हो


Notes Written By Pratima Jain. 

Class Date: 23-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 15 & 16
Paragraph #: pg no. 15 (5) & pg no. 16 (1 , 2 [half] )
YouTube link: Summary:
https://www.youtube.com/live/tL0Ps9k7Wsg?si=rbG2PoBQBDjOz5nE


 सही गलत में उत्तर दीजिए-


1) वकता का विशेष लक्षण उसका बुद्धिमान होना है। 

Ans- (गलत) 

2) वक्ता का एक गुण उसका उपशमी होना है। 

Ans-(सही)

3) आत्मानुशासन ग्रंथ में वक्ता के विशेष लक्षणों को भी कहा है। 

Ans-(सही)

4) गणी अर्थात् गणधर देव होता है। 

Ans- (गलत)

5) जो बुद्धिमान है वही पूर्ण रूप से वक्ता है। 

Ans-(गलत )

रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-


1) व्याकरण______ तथा बड़े बड़े शासत्रो का विशेष ज्ञान वक्ता का ____लक्षण है।

Ans- (न्यायादिक, विशेष)

2) शास्त्र वह है जो____का हित करने वाले हो । 

Ans-(जीवो)

3) प्रश्न करने से पहले ही जिसने उत्तर देखा हो वह______ का गुण है! 

Ans- (वक्ता)

4) वक्ता____प्रवृत्ति नही करता है।

Ans-(लोकनिद्य)

5) वक्ता_____होता है। 

Ans-(लोकमान्य)

 सही जोड़ी मिलाओ-

1) प्रश्नसहः          [A] जो बुद्धिमान हो 
2) प्रशमवान्        [B] प्रतिभावान हो 
3) प्रतिभापर:       [C]जिसकी आशा अस्त हो गई हो
4) प्रास्ताश:         [D] कषाय जिसकी कम हो
5) प्राज्ञ:              [E]प्रश्नो को सहने वाला

उत्तर:- (1) > E, (2) >D, (3) >B, (4) >C, (5) > A

 संक्षेप में उत्तर दीजिए-

1) वक्ता का विशेष लक्षण क्या है?

उतर:- जिसे व्याकरण - नयायादिक तथा बड़े-बड़े जैन शास्त्रों का विशेष ज्ञान हो! 

2) वक्ता कैसा होना चाहिए ? 

उत्तर:- जिसका कुल हीन न हो, अंग हीन न लहो, स्वर भंग न हो, मिष्ट वचन हो, प्रभुत्व हो, जो लोक मे मान्य हो ।

सही विकल्प चुनिए-


1) श्रोता कितने प्रकार के होते हैं? 

Ans. 10.

2) वक्ता कैसा होना चाहिए। 

(A) जिसका कुल हीन हो
(B) जिसका स्वर भंग हो
(c) जो अंग हीन हो 
(D)जिसका प्रभुत्व हो

उत्तर- D. (जिसका प्रभुत्व हो) 

3) प्राज्ञ: अर्थात् होता है

A) बुद्धिमान
B) प्राप्ति
C) वक्ता
D) आत्मा

उत्तर: -A) बुद्धिमान

4) वक्ता का विशेष लक्षण है

A) आत्म लीनता
B) सर्वज्ञता
c) व्याकरण का ज्ञान 
D) धनवान

उत्तर:-(c) व्याकरण का ज्ञान

5) प्रास्ताश: अर्थात् होता है।

A) शास्त्रों का रहस्य
B) कांतिमान
C) बाहुल्यता
D) आशा जिसके अस्त हो गई हो

Ans. (D) आशा जिसके अस्त हो गई

Notes Written By Praneeta Jain.

Monday, October 23, 2023

Class Date: 21-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 15
Paragraph #: 2 , 3 & 4
YouTube link: Summary:
https://www.youtube.com/live/QeLj-gnI7wA?si=Ro7kCpLF-T_K_QWF


सही विकल्प चुने - 


1. वक्ता का, आजीविका की ओर से स्वरूप -

a) श्रोताओं से अनाश्रित रहकर अपनी आजीविका का स्वयं प्रबन्ध करनेवाला
b) आजीविका के लिए जिनसूत्र से कभी भी समझौता न करनेवाला 
c) जैनधर्मानुसार ही अपनी आजीविका चलानेवाला
d) उक्त सभी 

Ans. - d) उक्त सभी 

2. श्रोता को निःशंक करने के लिए वक्ता के लिए जरूरी है -
 
a) ज्ञान के साथ उसकी इमानदारी ! 
b) प्रसन्न, सहज रहकर मधुर वचनों से समुचित समाधान करना तथा हतोत्साहित किये बिना, उसे समझ आयेगा ऐसा विश्वास दिलाना ! 
c) किसी विषय का ज्ञान न हो या याद नहीं हो तो बाद में देखकर बताना !
d) उक्त सभी

Ans. - d) उक्त सभी 

रिक्त स्थानों की पूर्ति करो 

1. अपनी मनमर्ज़ी से उत्तर देने से, श्रोताओं का ____ तो होगा ही साथ ही वक्ता की ____ भी नहीं रहेगी । 

Ans- (अकल्याण, प्रामाणिकता)

2. शेखी बघारने वाले वक्ता की कोई महिमा नहीं रहती, उसके बातों की भी कोई ____ नहीं रहती । 

Ans-(महिमा)

सही गलत बताओ -

1. वक्ता भी भगवान जैसे सर्वज्ञ होता है ।

 Ans-(गलत)
 
2. लोक में निंदनीय हो ऐसे काम करनेवाले वक्ता से (जैन)धर्म की अप्रभावना ही होती है ।

Ans- (सही) 

एक शब्द में उत्तर दो -


1. धवल, जयधवल तथा महाधवल जैसे सिद्धान्त ग्रन्थों का हिन्दी में गूढ़ गम्भीर अनुवाद करने वाले प्रसिद्ध विद्वान - ____

Ans-  (पं. फूलचन्द जी शास्त्री) 

2. विषय को अच्छी तरह से समझाकर फिर श्रोताओं के मन में उठने वाले प्रश्नों का तर्क-युक्ति से समाधान करके फिर विषय का कथन करना, इस तरह धारावाहिक प्रवाह से रचित प्रथम, प्रसिद्ध ग्रन्थ - ____ 

Ans- (मोक्षमार्ग प्रकाशक) 

एक वाक्य में उत्तर दीजिए -


1. वक्ता को पढ़ाने के पहले क्या करना चाहिए ? 

Ans- जिस विषय पर प्रभुत्व है ऐसा विषय भी क्यों न हो लेकिन प्रवचन पूर्व, उस पढ़े हुए विषय को भी एक बार अवश्य देखना-पढ़ना चाहिए । 

2. धन को धर्मशास्त्र से न जोड़ने से क्या होगा ?

Ans- श्रोता तथा वक्ता का कल्याण बना रहेगा ।

संक्षेप में उत्तर दीजिए -


1. बिना किसी स्वार्थ के व्याख्यान करनेवाले वक्ता की आवश्यकता क्यों बतलाई है ?

Ans- वक्ता वस्तु का यथार्थ स्वरूप कथन भी नहीं कर पाएगा । धन के लालच में, श्रोता की बताने लायक गलती को भी अनदेखा करना पड़ेगा और गलती न बताने से उसमें सुधार कैसे होगा ?

2. प्रवचन के समय वक्ता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

Ans-

a) लोगों की रूचि अनुसार विषय पढ़ायें ।
b) किस श्रोता को कितना, क्या समझ में आ रहा है इसका ज्ञान रखें ।
c) पढ़ाने का ढंग ऐसा हो जिससे श्रोताओं को नींद ना आए ।
d) समय पर प्रवचन समाप्त करें ।

Notes Written By - Dipali Gandhi.

Saturday, October 21, 2023

Class Date: 20-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 14
Paragraph #: 1, 2
YouTube link: Summary: 
https://www.youtube.com/live/DUYUf9U4ORo?si=xODKNUCfRXeRz-tp

Fill in the blanks : 

1) ------शास्त्र मोक्षमार्ग का प्रकाश करते हैं।

Ans - वीतरागी

2)श्रोता स्वयं ही से------बुद्धि के धारक है।

Ans - हीनबुद्धि

3)----- करने से शास्त्र वाचने योग्य बुध्दि प्रगट होती है।

Ans - विद्याभ्यास

4)वक्ता को ----- भंग करने का भय बहुत होता है।

Ans - जिन आज्ञा

 True/False:

1) धर्मशास्त्र में वक्ता श्रोता से ज्यादा बुद्धिमान होता है।

Ans- (T) 
 
2) वक्ता को ज्ञानी होने से पहले श्रद्धानी नहीं होनी चाहिए।

Ans- (F) 

3)वक्ता को समझ में आना चाहिए की निश्चयनय और व्यवहारनय का व्याख्यान किस अभिप्राय से है और कब कौनसा व्याख्यान दिया जाए। 

Ans- (T) 

4) कोई व्यक्ति बहुत गुण वाला है विद्या भी है परंतु सूत्र के अनुसार नहीं बोलता है फिर भी गृहण कर लेना चाहिए।

Ans- (F) 

Short answer type question:

1)वक्ता किसे कहते हैं?

Ans - वचनों को कहने वाले को वक्ता कहते है।

2)कौनसे शास्त्र पढ़ने सुनने योग्य है?

Ans - जिनसे जीव का मोह राग द्वेष घटे, मिटे और पाप की वासना कम हो।

3) वक्ता कैसा होना चाहिए?

Ans - 
•जो जैन धर्म का दढ़ श्रद्धानी हो।
•जिसे अच्छा विद्याभ्यास हो। 
•निश्चयनय और व्यवहार नय का प्रयोजन पहचान ने वाला हो।
•जिसे जिन आज्ञा भंग करने का बहुत भय हो।

4) वक्ता दृढ़ श्रद्धानी क्यों होना चाहिए?

Ans -क्योंकि श्रद्धान ही सर्व धर्म का मूल है।

Notes Written By - Khushi Jain.

Thursday, October 19, 2023

Class Date: 14-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 10-11
Paragraph #: pg no. 10 (3) & pg no. 11 (1)
YouTube link: Summary: https://www.youtube.com/live/fdVagjqhuFk?si=rLR2dycnG1ajD67W

 सही गलत बताइए -


  1.) भगवान महावीर स्वामी चौथे काल में मोक्ष गए|

 उत्तर-सही

2) जो अक्षरो का सम्प्रदाय है सो स्वयंसिद्ध है।

उत्तर सही

3) इस भरतक्षेत्र में वर्तमान अवसर्पिणी काल नहीं है,

 उत्तर गलत

 रिक्त स्थान की पूर्ति करें -

 1.) गणधर देव------ ग्रंथ गूथते है।

उत्तर - अंगप्रकीर्णरूप

2) दिव्य ध्वनि को------ने सुना

उत्तर -गौतम गणधर


3.) अक्षरो से उत्पन्न सत्यार्थ के प्रकाशक ----------उनके समूह का नाम--------हैं

उत्तर- पद 'श्रुत'

सही विकल्प चुने -

1.) अंतिम तीर्थकर, अरिहंत अवस्था में कितने दिन तक दिव्य ध्वनि के साथ रहे।  
            
 अ.42वर्ष 
 ब.30 वर्ष वर्ष
 स.40 दिन
 द.45 दिन

उत्तर (ब) 30 वर्ष 

2.) पंचमकाल में अनुबद्ध केवली हुए।

(अ)-गौतम
(ब) सुधर्माचार्य
(स) जम्मूस्वामी 
(द) तीनो

उत्तर-(द) तीनो 

3-वेदान्तो के काल में ग्रन्थो की होली जलाई गई।

(अ) 6 माह
(ब) 1 वर्ष
(स) 2 माह
(द) 5 माह

उत्तर- (अ) 6 माह

एक शब्द में उत्तर दो-


1.) उत्तर सबसे पहला शास्त्र लिखा गया ।

उत्तर-षडखंडागम

2-)अकारादि अक्षर है वे 'किसी के किये गए नहीं है

उत्तर-अनादिनिधन 

3.) भगवान महावीर स्वामी कौन से काल में मोक्ष गए

उत्तर ,-चौथे काल मैं

 संक्षिप्त उत्तर दो -

1) श्रुत केवली किसे कहते हैं?

उत्तर- जो दादशांग के सम्पुर्ण श्रुत के ज्ञाता होते है। जिनको सम्पूर्ण श्रुत (आगम,) का ज्ञान होता है

2.) अवसर्पिणी काल किसे कहते है?

उत्तर जो समय चल रहा है । उसमें चीजे घटती हुई जाती है। जैसे लोगों की आयु, बुद्धि, ऊंचाई लौकिक सुख सम्पत्ति घटती हुई चली जाती है। ऐसा जो काल का प्रवाह रहता है। उसे अवसर्पिणी काल कहते हैं।

 जोड़ी बनावें -

1) अनुबद्ध केवली       a)कुन्दकुन्दस्वामी

2.) अंतिम केवली        b) जिनवाणी

3.) अंतिम श्रुतकेवली   c) श्रीधर केवली

4.) द्वादशांग                d) अमृतचंद्र आचार्य

5.) पंचअस्तिकाय         e) तीन

6.) तत्वसार                  f) भद्रबाहु

उत्तर (1) (E)

(2)- (C)

(3)-(F)

(4) (B)

(5) (A)

(6)-(D)


महावीर स्वामी पर टिप्पणी लिखिए -


महावीर स्वामी:- उन्होंने 30 वर्ष कीउम्र में दीक्षा ली ।फिर 30 वर्ष तक बिहार किया 12 वर्ष तक तपस्या की अरिहंत हुए भगवान हुए केवलज्ञानी हुए।जीवो का कल्याण किया । अरिहंत अवस्था में दिव्यध्वनि के साथ 30 वर्ष तक रहे । 72 वर्ष की आयु में पावापुरी से मोक्ष गए ।श्री वर्धमान नामक अंतिम तीर्थकर देव हुए। अंतिम . शासन नायक दिव्याध्वनि उपदेशक जिनका वर्तमान में शासन चल रहा है। वे तो मोक्ष में चले गए लेकिन जो उन्होंने दिव्यध्वनि से बताया था।, वह आज भी लोग सुनते पढ़ते वाचते ध्याते है । इसलिए उनका शासन चल रहा है।और जब तक धर्म प्रवाहित रहेगा तब तक चलता रहेगा और तव तक उनका शासन (उपदेश) रहेगा। उन्होंने केवलज्ञान से विराजमान होकर दिव्यध्वनि के द्वारा जीवो को उपदेश दिया।

Notes Written By Priyanka Godha.

Class Date: 17-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 11&12
Paragraph #: pg no. 11 (4) & pg no. 12 (1-5)
YouTube link:  https://www.youtube.com/live/FAB6VAekNyg?si=Lf3hlXIACzYesoCQ
Summary:

एक शब्द में उत्तर दे-

1.सत्यार्थ का क्या अर्थ हैं?

उ. शूद्ध अर्थ

2.असत्यार्थ पद की रचना बिना किसके नहीं हो सकती?

उ.तीव्र कषाय

3. मूल उपदेश दाता कौन है?

उ. तीर्थंकर केवली

4. सेती मतलब क्या होता है?

उ. 7

5. गणधर आचार्य की कषाय कैसी होती है?

उ. जल पर खींची रेखा के समान

सही गलत में उत्तर दो-

1. तीव्र कषाई जेनी होता है?

उ. गलत

2. जो भगवान अरहंत के भक्त हैं वे विषय कषाय नहीं जानते?

उ.सही

3. जिन्हें सब धर्म में विश्वास है वे श्रधानी गृहस्थ है?

उ.गलत

4. होली दशहरा जिन धर्म का त्यौहार है?

उ.गलत

5. जिन आजा भंग करने का भय होगा वहीं जिन श्रधानी होगा?

रिक्त स्थान की पूर्ति करो

1. नैवेद्य का अर्थ —--- होता है|

उ.खाद्य सामग्री

2. गणधर आचार्य —-–-------- परिग्रह के त्यागी होते हैं।

उ.अंतरंग व बहिरंग

3. —----- में कषाय करने से —-------- करके कषाय करना बड़ा पाप है|

उ.मोह के उदय,जिन आज्ञा भंग

4. सम्यक दृष्टि श्रावक को —----------- में दृढ़ श्रद्धा होता है।

उ.देव शास्त्र गुरु

5. जिन धर्म —------ का नाश करने वाला है।

उ.सर्व कषाय उ.सही

Notes Written By - Neha Gangwal.



Class Date: 18-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 13
Paragraph #: 1, 2 & 3
YouTube link:  https://www.youtube.com/live/yu31BfBQp3g?si=JAaLofTCTbolgX5X
Summary:

Fill in the blanks -

 a) असत्य बोलने के दो कारण है ‐-----और‐----।

उत्तर- अज्ञान,कषाय 

b) क्षयोपशम ज्ञान------ ज्ञान है। 

उ . अपूर्ण


c). गणधर देव साक्षात केवली का उपदेश सुनते हैं उसके अतिशय से------ ही भासित होता है।

 उ.- सत्यार्थ


d) आचार्यों को जिन पदों का ---- नहीं होता उनकी तो वे रचना ही नहीं करते।

उ.- ज्ञान 

True/False 


A) सभी अनुयोगों मे देव-गुरु-धर्म व 7 तत्वों का यथार्थ "कथन नहीं है।

 Ans- F 

B) क्या यह संभव है कोई कषाय से नहीं, अज्ञान से असत्यार्थ पद की रचना करे।

Ans- T

C) असत्यार्थ पदो की परंपरा चलती है।

 Ans- F

D) धरती स्थिर नहीं सूर्य के चारों ओर घूमती इस बात का श्रद्धान सम्यक दृष्टि को मिथ्यात्व में डाल सकता है। 

Ans- F


Short answer type question-


A)गणधर देव को कितने ज्ञान होते हैं?

Ans :- 4 ज्ञान होते हैं - मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधि ज्ञान, मनपर्यय ज्ञान।

B) गणधर देव कितने ऋद्धि के धारी होते हैं? 

Ans:- 63 ऋद्धियों के धारी हो सकते है। केवलज्ञानको छोड़कर - 63 ऋद्धियाँ हो सकती है। 

C) किन विषयों की अन्यथा जानकारी से जीव का बुरा हो सकता है?

Ans:- देव-गुरु -धर्म और 7 तत्वों की जानकारी।

D) जैन भूगोल का अस्पष्ट ज्ञान सम्यक्दर्शन की प्राप्ति में बाधक नहीं हैं क्यों?

Ans:- ये प्रयोजन भूत तत्व नही है देव-गुरु-धर्म, 7 तत्वों का सच्चा श्रज्ञान ही स. दर्शन का कारण है।

Notes Written By - Nidhi Jain.


Tuesday, October 17, 2023

Class Date: 16-10-23
Chapter: पहला अधिकार
Page#:  11
Paragraph #: 2 
YouTube link: https://www.youtube.com/live/RxnGGuAURgc?si=80BssJjp0TU_wy4K
Summary: 

  सही गलत -

Q.1 जैन धर्म मिलना , मंदिर आना , स्वाध्याय करना , दर्शन करना क्या संस्कार है?

Ans- हां।

Q.2 क्या काल दोष से कुछ ग्रंथो का नाश हुआ हैं?

Ans - हां।

Q.3 समाधि भक्ति के रचियता पंडित जयचंद जी छाबड़ा हैं?

Ans- नहीं।

सही विकल्प चुनें - 

Q.4 पहले के लोग पूजा पाठ केसे करते थे ?
 a. सुन-सुन के 
b. याद कर के
C. मंद कषाय से
d. उपरोक्त सभी

Ans- D(उपरोक्त सभी)

Q.5 पंडित टोडरमलजी की आयु कितनी थी?
a. 58 years
b. 47 years
c. 35 years
d. इन मै से कोई भी नही

Ans- B(47 years)

एक शब्द मै उत्तर दो - 

Q.6 कथा पुराण का नाम बताइए

Ans- पद्मपुराण

Q.7 भारतीय दर्शन कितने प्रकार के बताए है?

Ans- 6 दर्शन 

Q.8 जिनवाणी को प्रवाहित करने वाले कोन है?

Ans- केवली भगवान

Q.9 जैन रामायण कितने प्रकार की बताई है?

Ans- उन्नीस (19)

Q.10 तनुधि का अर्थ बताइए

Ans- पतली बुद्धि

Notes Written By - Reena Doshi.

Saturday, October 14, 2023

Class Date: 11-10-23
Chapter: पहला अधिकार
Page#: 8
Paragraph #: 4 & 5
YouTube link: https://www.youtube.com/live/5700WAyYZrg?si=ya7OyVIuBeG9obef
Summary: 

खाली स्थान भरो -

1)पूर्वोपर्जित पुण्य बंध के कारण___ किए बिना ही____दिखाई देता है।

                  (मंगल,सुख)     

 2)वर्तमान में पाप का उदय दिखाई देने पर भी जीव___
परिणामी हो सकता है। [ विशुद्ध ] 

3. पाप का उदय दिखने पर भी मंगल_____का ही कारण होता है।
[ सुख ] 

 हाँ या नहीं मे उत्तर दो -


1 )जीव के विशुद्ध परिणाम एक और अनेक जाति के हो सकते है। [ ] 
 उत्तर- नहीं 

2) जीव के संक्लेश परिणाम कषाय की मंदता से सम्बन्धित होते हैं। [ ] 
 उत्तर  -  नही 

3.) अनेक कालों में पहले बंधे हुए कर्म एक काल में कभी
उदय में नहीं आ सकते।( )
           उत्तर  -  नही 


4) किसी भी कार्य की सिद्धि पूर्व में किये गये पुण्य व पाप कर्मों के बन्ध पर निर्भर हैं। []   
उत्तर। -हां 

5) मंगलाचरण नहीं करने पर भी कार्य की निर्विघ्न समाप्ति हो सकती है। [ ] 
उत्तर - हॉ

एक शब्द मे उत्तर दो -


1 ) अनेक कालो में पहले बँधे हुए कर्म कब उदय में आते है ?
 उत्तर - एक काल मे

2 )पूर्व में किये पाप बंध के कारण वर्तमान में अत्याधिक पुरुषार्थ करने के बाद भी क्या दिखाई पड़ता है?

 उत्तर - ऋण / धन हीनता की स्थिति ।

बहुविकल्पीय प्रश्न -


1. किसी मंगल कार्य करने से पूर्व मंगलाचरण न क पर भी सुख की प्राप्ति हो जाती है-

अ] हमेशा

[व] कभी नहीं

स] पूर्व पुण्य बन्ध के कारण 

 [द] पूर्व पाप बन्ध के कारण

  उत्तर - (स) 

2 संक्लेश परिणामो की जाति के प्रकार है-

(अ) एक

ब) दो

(स) अनेक

द) से सभी

 उत्तर : [ स ]

(3) विशुद्ध परिणामो से होता है। 

(अ) पुण्य बंध

 (ब) पाप  बंध

(स) कषाय की तीव्रता
 
(द) ये सभी          

 उत्तर - (अ) 

टिप्पणी  लिखो -


(१)  मंगल सुख का कारण हैं
 मंगल की कामना सहित कार्य करने से 
▶️ परिणामों में विशुद्धि बढ़ती है, 
➡️पाप कर्मों के संक्रमणादि में निमित्त होते हैं,

 ▶️ इष्ट के स्मरण से सकारात्मकता में वृद्धि तथा
 ▶️ लौकिक व पारलौकिक सुखो की अवश्य ही प्राप्ति होती है।

Notes Written By Pratima Jain.

Class Date: 10-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 8
Paragraph #: 1 , 2 & 3
YouTube link: https://www.youtube.com/live/4EdAJ3c06xU?si=VoQJtToleqGLJz_y
Summary:
 Q.1 __ ग्रंथ की पूर्णता के लिए मंगलाचरण लिखा जाता है।
Ans- निर्विघ्न
 
2___का दर्शन ___दर्शन का कारण है।
 Ans-  अर्हंतादिक , सम्यक

3   अन्यमति क ग्रंथो मे___भावो का ___ करने विपरीत अर्थो को धरते है।
Ans- मिथ्यात्त्व व कषाय, पोषण

1  सुख से ग्रंथ की समाप्ति मंगल का कारण है 
Ans- हाँ 

2 ) पंच परमेष्ठी मंगल है 
Ans- हाँ 

3  ) क्याविनय करना ही मंगलाचरण का कारण है 
Ans- नही 

4) उत्तम सुख कि प्राप्ति अरिहंतादिक के स्तवन से होति है।
Ans- हाँ 

5)भगवान को नहीं मानना नास्तिकता है। 
Ans- हा

जोड़ी मिलाए - 
1)  सुख                     विषेस ज्ञान  
2)  मं                       मोह      
3) मिथ्यात्व                मंग      
4) वितरागता              तीव्र पाप  
5)संकलेश                पाप        
Ans-  1)3,   2)6,  3)2,   4)1,   5) 4

1) शिष्टाचार क्या है?
उत्तर _ परंपरा बनाए रखना।

2)नास्तिकता क्या है?
उत्तर _  आत्मा को ना मानना।

3) अरिहंत आदि के भक्ति से परिणाम कैसे होते हैं
उत्तर _ विशुद्ध परिणाम।

Notes Written By Rinku Doshi.