Chapter: पहला अधिकार
Page#: 17
Paragraph #: 4 & 5
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Summary:
सही/ गलत -
1 क्या में जानने देखने वाला ही हूं अन्य नहीं हूं ?
Ans सही
2 क्या मैं सुखी दुखी अपने ही भावो से होता हूं?
Ans सही
3. शास्त्रों को पढ़ना, सुनना , निर्णय, करना श्रोता के गुण हे
Ans. सही
4 . ये राग द्वेष क्या जीव के भाव नहीं है?
Ans. गलत
5. क्या तत्वों का निर्णय करना श्रद्धान नहीं है?
Ans. गलत
6. शरीर हे सो में हुं।
Ans. गलत
प्र.1 मैं कौन हूं ऐसा विचार किसे आता है?
उत्तर जिसकी भली होनहार होती है ।
प्र.2 कौन आया है कौन जाएगा?
उत्तर न में आया हूं ना मैं जाऊंगा ।
प्रश्न 3 जिन धर्म की महानता का निर्णय करना क्या है ?
उत्तर श्रोता का गुण ।
प्रश्न 4 शास्त्र सुनने से किस कार्य की सिद्धि होती है?
उत्तर तत्वों के निर्णय की।
प्रश्न 5 शास्त्र कैसे सुनना चाहिए?
उत्तर रुचि पूर्वक
रिक्त स्थान -
1 शरीर हे सो ____हे।
Ans अजीव
2 जिन धर्म के गाढ़ श्रद्धानी_____है।
Ans पुराने श्रोता
3 नाना शास्त्र पढ़ने सुनने से बुद्धि ____होती हैं ।
Ans निर्मल
4 चलते फिरते सोते हुए शास्त्र सुनना _____है ।
Ans शास्त्र अवीनय
पुराने श्रोता का स्वरूप -
Ans-जिन धर्म का गाढ़ श्रद्दानी होना चाहिए । बुद्धि निर्मल करने के लिए नाना शास्त्र का अध्ययन करने वाला । में जीव हूं जानने वाला ही हूं,में शरीर से भिन्न ही हूं, मुझे सुखी _दु:खी करने वाला कोई नहीं हे इस प्रकार के नाना चिंतवन करते हुए धर्म में लगे रहना शास्त्र अभ्यास करते रहना ही , सात तत्वों का निर्णय अपने और पर का निर्णय आदि बातो का निर्णय करने वाला ।
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