Chapter: पहला अधिकार
Page#: 15
Paragraph #: 2 , 3 & 4
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सही विकल्प चुने -
1. वक्ता का, आजीविका की ओर से स्वरूप -
a) श्रोताओं से अनाश्रित रहकर अपनी आजीविका का स्वयं प्रबन्ध करनेवाला
b) आजीविका के लिए जिनसूत्र से कभी भी समझौता न करनेवाला
c) जैनधर्मानुसार ही अपनी आजीविका चलानेवाला
d) उक्त सभी
Ans. - d) उक्त सभी
2. श्रोता को निःशंक करने के लिए वक्ता के लिए जरूरी है -
a) ज्ञान के साथ उसकी इमानदारी !
b) प्रसन्न, सहज रहकर मधुर वचनों से समुचित समाधान करना तथा हतोत्साहित किये बिना, उसे समझ आयेगा ऐसा विश्वास दिलाना !
c) किसी विषय का ज्ञान न हो या याद नहीं हो तो बाद में देखकर बताना !
d) उक्त सभी
Ans. - d) उक्त सभी
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
1. अपनी मनमर्ज़ी से उत्तर देने से, श्रोताओं का ____ तो होगा ही साथ ही वक्ता की ____ भी नहीं रहेगी ।
Ans- (अकल्याण, प्रामाणिकता)
2. शेखी बघारने वाले वक्ता की कोई महिमा नहीं रहती, उसके बातों की भी कोई ____ नहीं रहती ।
Ans-(महिमा)
सही गलत बताओ -
1. वक्ता भी भगवान जैसे सर्वज्ञ होता है ।
Ans-(गलत)
2. लोक में निंदनीय हो ऐसे काम करनेवाले वक्ता से (जैन)धर्म की अप्रभावना ही होती है ।
Ans- (सही)
एक शब्द में उत्तर दो -
1. धवल, जयधवल तथा महाधवल जैसे सिद्धान्त ग्रन्थों का हिन्दी में गूढ़ गम्भीर अनुवाद करने वाले प्रसिद्ध विद्वान - ____
Ans- (पं. फूलचन्द जी शास्त्री)
2. विषय को अच्छी तरह से समझाकर फिर श्रोताओं के मन में उठने वाले प्रश्नों का तर्क-युक्ति से समाधान करके फिर विषय का कथन करना, इस तरह धारावाहिक प्रवाह से रचित प्रथम, प्रसिद्ध ग्रन्थ - ____
Ans- (मोक्षमार्ग प्रकाशक)
एक वाक्य में उत्तर दीजिए -
1. वक्ता को पढ़ाने के पहले क्या करना चाहिए ?
Ans- जिस विषय पर प्रभुत्व है ऐसा विषय भी क्यों न हो लेकिन प्रवचन पूर्व, उस पढ़े हुए विषय को भी एक बार अवश्य देखना-पढ़ना चाहिए ।
2. धन को धर्मशास्त्र से न जोड़ने से क्या होगा ?
Ans- श्रोता तथा वक्ता का कल्याण बना रहेगा ।
संक्षेप में उत्तर दीजिए -
1. बिना किसी स्वार्थ के व्याख्यान करनेवाले वक्ता की आवश्यकता क्यों बतलाई है ?
Ans- वक्ता वस्तु का यथार्थ स्वरूप कथन भी नहीं कर पाएगा । धन के लालच में, श्रोता की बताने लायक गलती को भी अनदेखा करना पड़ेगा और गलती न बताने से उसमें सुधार कैसे होगा ?
2. प्रवचन के समय वक्ता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
Ans-
a) लोगों की रूचि अनुसार विषय पढ़ायें ।
b) किस श्रोता को कितना, क्या समझ में आ रहा है इसका ज्ञान रखें ।
c) पढ़ाने का ढंग ऐसा हो जिससे श्रोताओं को नींद ना आए ।
d) समय पर प्रवचन समाप्त करें ।
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