Chapter: पहला अधिकार
Page#: 10-11
Paragraph #: pg no. 10 (3) & pg no. 11 (1)
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सही गलत बताइए -
1.) भगवान महावीर स्वामी चौथे काल में मोक्ष गए|
उत्तर-सही
2) जो अक्षरो का सम्प्रदाय है सो स्वयंसिद्ध है।
उत्तर सही
3) इस भरतक्षेत्र में वर्तमान अवसर्पिणी काल नहीं है,
उत्तर गलत
रिक्त स्थान की पूर्ति करें -
1.) गणधर देव------ ग्रंथ गूथते है।
उत्तर - अंगप्रकीर्णरूप
2) दिव्य ध्वनि को------ने सुना
उत्तर -गौतम गणधर
3.) अक्षरो से उत्पन्न सत्यार्थ के प्रकाशक ----------उनके समूह का नाम--------हैं
उत्तर- पद 'श्रुत'
सही विकल्प चुने -
1.) अंतिम तीर्थकर, अरिहंत अवस्था में कितने दिन तक दिव्य ध्वनि के साथ रहे।
अ.42वर्ष
ब.30 वर्ष वर्ष
स.40 दिन
द.45 दिन
उत्तर (ब) 30 वर्ष
2.) पंचमकाल में अनुबद्ध केवली हुए।
(अ)-गौतम
(ब) सुधर्माचार्य
(स) जम्मूस्वामी
(द) तीनो
उत्तर-(द) तीनो
3-वेदान्तो के काल में ग्रन्थो की होली जलाई गई।
(अ) 6 माह
(ब) 1 वर्ष
(स) 2 माह
(द) 5 माह
उत्तर- (अ) 6 माह
एक शब्द में उत्तर दो-
1.) उत्तर सबसे पहला शास्त्र लिखा गया ।
उत्तर-षडखंडागम
2-)अकारादि अक्षर है वे 'किसी के किये गए नहीं है
उत्तर-अनादिनिधन
3.) भगवान महावीर स्वामी कौन से काल में मोक्ष गए
उत्तर ,-चौथे काल मैं
संक्षिप्त उत्तर दो -
1) श्रुत केवली किसे कहते हैं?
उत्तर- जो दादशांग के सम्पुर्ण श्रुत के ज्ञाता होते है। जिनको सम्पूर्ण श्रुत (आगम,) का ज्ञान होता है
2.) अवसर्पिणी काल किसे कहते है?
उत्तर जो समय चल रहा है । उसमें चीजे घटती हुई जाती है। जैसे लोगों की आयु, बुद्धि, ऊंचाई लौकिक सुख सम्पत्ति घटती हुई चली जाती है। ऐसा जो काल का प्रवाह रहता है। उसे अवसर्पिणी काल कहते हैं।
जोड़ी बनावें -
1) अनुबद्ध केवली a)कुन्दकुन्दस्वामी
2.) अंतिम केवली b) जिनवाणी
3.) अंतिम श्रुतकेवली c) श्रीधर केवली
4.) द्वादशांग d) अमृतचंद्र आचार्य
5.) पंचअस्तिकाय e) तीन
6.) तत्वसार f) भद्रबाहु
उत्तर (1) (E)
(2)- (C)
(3)-(F)
(4) (B)
(5) (A)
(6)-(D)
महावीर स्वामी पर टिप्पणी लिखिए -
महावीर स्वामी:- उन्होंने 30 वर्ष कीउम्र में दीक्षा ली ।फिर 30 वर्ष तक बिहार किया 12 वर्ष तक तपस्या की अरिहंत हुए भगवान हुए केवलज्ञानी हुए।जीवो का कल्याण किया । अरिहंत अवस्था में दिव्यध्वनि के साथ 30 वर्ष तक रहे । 72 वर्ष की आयु में पावापुरी से मोक्ष गए ।श्री वर्धमान नामक अंतिम तीर्थकर देव हुए। अंतिम . शासन नायक दिव्याध्वनि उपदेशक जिनका वर्तमान में शासन चल रहा है। वे तो मोक्ष में चले गए लेकिन जो उन्होंने दिव्यध्वनि से बताया था।, वह आज भी लोग सुनते पढ़ते वाचते ध्याते है । इसलिए उनका शासन चल रहा है।और जब तक धर्म प्रवाहित रहेगा तब तक चलता रहेगा और तव तक उनका शासन (उपदेश) रहेगा। उन्होंने केवलज्ञान से विराजमान होकर दिव्यध्वनि के द्वारा जीवो को उपदेश दिया।
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