Thursday, October 19, 2023

Class Date: 18-10-23
Chapter: पहला अधिकार 
Page#: 13
Paragraph #: 1, 2 & 3
YouTube link:  https://www.youtube.com/live/yu31BfBQp3g?si=JAaLofTCTbolgX5X
Summary:

Fill in the blanks -

 a) असत्य बोलने के दो कारण है ‐-----और‐----।

उत्तर- अज्ञान,कषाय 

b) क्षयोपशम ज्ञान------ ज्ञान है। 

उ . अपूर्ण


c). गणधर देव साक्षात केवली का उपदेश सुनते हैं उसके अतिशय से------ ही भासित होता है।

 उ.- सत्यार्थ


d) आचार्यों को जिन पदों का ---- नहीं होता उनकी तो वे रचना ही नहीं करते।

उ.- ज्ञान 

True/False 


A) सभी अनुयोगों मे देव-गुरु-धर्म व 7 तत्वों का यथार्थ "कथन नहीं है।

 Ans- F 

B) क्या यह संभव है कोई कषाय से नहीं, अज्ञान से असत्यार्थ पद की रचना करे।

Ans- T

C) असत्यार्थ पदो की परंपरा चलती है।

 Ans- F

D) धरती स्थिर नहीं सूर्य के चारों ओर घूमती इस बात का श्रद्धान सम्यक दृष्टि को मिथ्यात्व में डाल सकता है। 

Ans- F


Short answer type question-


A)गणधर देव को कितने ज्ञान होते हैं?

Ans :- 4 ज्ञान होते हैं - मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधि ज्ञान, मनपर्यय ज्ञान।

B) गणधर देव कितने ऋद्धि के धारी होते हैं? 

Ans:- 63 ऋद्धियों के धारी हो सकते है। केवलज्ञानको छोड़कर - 63 ऋद्धियाँ हो सकती है। 

C) किन विषयों की अन्यथा जानकारी से जीव का बुरा हो सकता है?

Ans:- देव-गुरु -धर्म और 7 तत्वों की जानकारी।

D) जैन भूगोल का अस्पष्ट ज्ञान सम्यक्दर्शन की प्राप्ति में बाधक नहीं हैं क्यों?

Ans:- ये प्रयोजन भूत तत्व नही है देव-गुरु-धर्म, 7 तत्वों का सच्चा श्रज्ञान ही स. दर्शन का कारण है।

Notes Written By - Nidhi Jain.


1 comment:

Vikas said...

"D) जैन भूगोल का अस्पष्ट ज्ञान सम्यक्दर्शन की प्राप्ति में बाधक नहीं हैं क्यों?
Ans:- ये प्रयोजन भूत तत्व नही है देव-गुरु-धर्म, 7 तत्वों का सच्चा श्रज्ञान ही स. दर्शन का कारण है।"

अच्छा प्रश्न है, परन्तु उत्तर में ऐसा लिखना चाहिए:
ये साक्षात् प्रयोजनभूत तत्त्व नही हैं, देव-गुरु-धर्म, 7 तत्त्वों का सच्चा श्रद्धान सम्यग्दर्शन का साक्षात् कारण है।