Monday, January 15, 2024

Class Date: 9-1-24
Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 35 & 36
Paragraph #: 4 , 5 , 6   
YouTube link:  https://www.youtube.com/live/TIjwKQV0Q14?si=G7jbiyO8-4qRH-aq
Summary:


रिक्त स्थान


1. दर्शन ......प्रकार के होते है

उत्तर- चार

2. मतिज्ञान से पहले पदार्थों का सामान्य प्रतिभास होना .....गुण है।

उत्तर - दर्शन

3. चक्षु इन्द्रिय द्वारा हुए मतिज्ञान के पहले जो दर्शन (प्रतिभास) हो उसे.... दर्शन कहते है।
 
उत्तर- चक्षु दर्शन

4. स्पर्शन रसना घ्राण कर्ण और मन के संबंध हुए, मतिज्ञान के पहले जो दर्शन हो उसे .......दर्शन कहते हैं।

उत्तर- अचक्षु दर्शन

5. ज्ञान और दर्शन के परिणमन को ..... कहते है।

उत्तर - उपयोग

6. ज्ञान और दर्शन की शक्ति को .....कहते है।

उत्तर - लब्धि

7. ज्ञान के माध्यम से कार्य करने को......कहते है

उत्तर - ज्ञानोपयोग

8. दर्शन के माध्यम से कार्य करने को ....... कहते है।

उत्तर - दर्शनोपयोग

सही / गलत -


1. दर्शनगुण, पदार्थों का सत्तामात्र अवलोकन करता है

Ans-  (√)

2. चार इन्द्रिय और पंच इन्द्रिय जीवो के चक्षु दर्शन होता है 

Ans- (√)

3. केवल दर्शन मोक्षस्वरूप है और केवली के होता है 

Ans- (√)

4. केवल दर्शन स्वतन्त्र नहीं है 

Ans- (x)

5. अवधिज्ञान होने के पूर्व अवधि दर्शन होता है 

Ans- (√)
 
6.ज्ञान और दर्शन की शक्ति क्षयोपशम पर निर्भर नहीं करती है 

Ans- (x)

7. एक जीव को एक समय में एक प्रकार का उपयोग होता है 

Ans-  (√)

प्रश्न/उत्तर


1. दर्शन का अर्थ क्या है?

उत्तर - सामान्य प्रतिभासना

2. उपयोग कितने प्रकार का होता हो?

 उत्तर-उपयोग दो प्रकार का होता है।
         1. ज्ञानोपयोग
         2. दशनोपयोग

3. दर्शन कितने प्रकार का होता है ? 
 उत्तर - दर्शन चार प्रकार का होता है।
         1 चक्षु दर्शन
         २. अचक्षु दर्शन
         3. अवधि दर्शन
         4. केवल दर्शन


Notes Written By Kritika Jain.

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