Chapter: दूसरा अधिकार
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Summary:
*एक शब्द में उत्तर दें:-*
1)प्रसिद्ध ज्ञानादिक गुणों का धारी है-
Ans- आत्मा
2) मिथ्यात्व कर्म के अभाव में होता है -
Ans- सम्यकत्व
3) चरित्र मोहनीय कर्म के उदय से जीव के होने वाले भाव -
Ans- कषायिक भाव
4)पदार्थो में इष्ट और अनिष्टपना मानकर बुरा चहना, ये होता है
Ans- -क्रोध का उदय होने पर
*नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर* :-
1) चरित्र मोहनी में किस रूप कर्म होंगे और किस रूप उनका भाव होगा?
*उत्तर* - चरित्र मोहनी में जिस रूप कर्म का उदय होता है उस ही रूप जीव का भाव भी होगा।
*जेसे* - क्रोध के उदय में जीव के भाव का क्रोध रूप परिणमन होने लगता है।
2) क्रोध का उदय होने पर जीव के भाव किस प्रकार के होंगे?
*उत्तर* - क्रोध के उदय में अगर अचेतन पदारथ बुरे लगे तो उन्हें तोड़ने का भाव और सचेतन पदारथ बुरे लगे तो उन्हें बध-बंधन आदि से या मlरने से दुख उत्पन्न करके उनका बुरा चाहता है।
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