Chapter: दूसरा अधिकार
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Paragraph #: 1 & 2
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Summary:
अवधिज्ञान के संबंध में इनमें से कौन सा वाक्य सही है
a) अवधिज्ञान रूपी को जानता है✅ / अरुपी को जानता है।
b) स्पष्ट जानता है। ✅/ अस्पष्ट जानता है।
c) इन्द्रियों और मन से जानता है/ आत्मप्रदेशों से जानता है।✅
d) क्षेत्र, काल की मर्यादा के साथ जानता है ✅/ अमर्यादित ज्ञान है।
e) क्रमिक ज्ञान है ✅/ युगपत् ज्ञान है।
अवधिज्ञान ज्ञान के स्वामी कौन हैं
a) देव, नारकी :- सभी ✅ / किसी-किसी को/ पाया ही नहीं जाता
b) संज्ञी तिर्यंच, मनुष्य:- सभी / किसी-किसी को ✅ । पाया ही नहीं जाता
c) एकेन्द्रिय से असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच :- सभी / किसी-किसी को / पाया ही नहीं जाता✅
True/false
a) निमित्तज्ञान और अवधिज्ञान एक प्रकार के ही ज्ञान है।
Ans-(f)
b) अवधिज्ञान अपनी मर्यादा के साथ पुदगल द्रव्य को उसके असंख्यात गुण सहित जानता है।
Ans- (t)
c) अवधिज्ञान सीधे आत्म प्रदेशों से जानता है अतः पराधीन नहीं हैं।
Ans-(f)
d) स्वस्ति, कलश, मीन, सूर्य, चंद्र आदि शरीरादिक चिन्हों के माध्यम से अवधिज्ञान होता है अतः पराधीन है।
Ans- (t)
e) सर्वावधि ज्ञान एक परमाणु को भी जान सकता है।
Ans- (t)
short answer type Question:-
a) अवधिज्ञान का विषय कौन से रुपी पदार्थ हैं'?
Ans. पुद्गल द्रव्य, संसारी जीव
b) अवधि ज्ञान की क्या range है?.
Ans. एक परमाणु से लेकर महास्कंध तक के परमाणु को जानना अधिज्ञान की range है।
c) अवधिज्ञान का कौन सा प्रकार चारों गतियों के जीवों को हो सकता है।
Ans. देशावधि ज्ञान
d) मोक्षमार्ग में कौन से अवधि ज्ञान हो सकते हैं'?
Ans. परमावधि और सर्वावधि
e) मनःपर्यय ज्ञान के स्वामी कौन से जीव हैं?
Ans. मोक्षमार्गी आत्मानुभवी महामुनिराज ही मनःपर्यय ज्ञानी हो सकते हैं।
f) क्या संसार अवस्था में केवलज्ञान का सद्भाव पाया जाता है?
Ans. शक्ति की अपेक्षा हाँ, लेकिन व्यक्ति की अपेक्षा नहीं क्योंकि केवलज्ञान मोक्षरूप है।
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