Monday, November 13, 2023

Class Date: 9-11-23
Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 22 & 23
Paragraph #: 1 , 2 & 3
YouTube link: https://www.youtube.com/live/ApH5hAx-cQg?si=SQRXdaE0xxdtqIhO
Summary:


Fill in the blanks -


1) जीव का और कर्म का ______ से संबंध है।

Ans - अनादिकाल

2) रागादिक का करण _____ है और द्रव्यकर्म का करण ______ है।

Ans - द्रव्यकर्म ,रागादिक

3) पदार्थ में जो दशा बिना किसी कारण या निमित्त के है उस दशा का नाम _____है। 

Ans - स्वभाव

4) जीव का स्वभाव ____ है।

Ans - ज्ञान

5) कर्मों का आना ______ से होता है।

Ans - रागादिक

 True/False -


1) जीव और कर्म दोनों ही अनादिकाल से हैं परंतु अलग-अलग अवस्था में रहते हैं। 

Ans- (T) ✔️
 
2) कर्म के उदय आए और व्यक्ति रागादिक नही करे ऐसा हो सकता है।

Ans- (F) ✖️

3)स्वभाव का कभी अभाव नहीं होता।

Ans- (T) ✔️

4) ज्ञान और आनंद जीव में से कभी नष्ट नहीं हो सकते।

Ans- (T) ✔️

Short answer type question-


1)अनादि मे भी निमित्त माने तो अनादिपना नहीं रहता क्यों?

Ans - क्योंकि कारण बताने पर कार्य अनादिपना नहीं रहेगा वो सादिपना हो जाता है।

2) जीव का संसार कटना कब प्रारंभ होगा?

Ans - जब जीव का ध्यान ज्ञान की ओर जाएगा तब जीव का संसार कटना प्रारंभ होगा।

3) जीव का स्वभाव राग द्वेष करना क्यों नहीं है?

Ans - 
1️⃣क्योंकि जो स्वभाव होता है वह जीव के पास हमेशा रहता है।
2️⃣स्वभाव से कभी जीव को दुःख नहीं होता। 
3️⃣स्वभाव का कभी अभाव नहीं होता।

4) जीव और पुद्गल भिन्न भिन्न द्रव्य है तो अनादि से उनका संबंध कैसे हो सकता है?

Ans -जिस प्रकार दूध में पानी स्वयं ही मिला रहता है, तिल में तेल स्वयं ही रहता है, उसी प्रकार जीव और कर्म का भी संबंध अनादिकालीन होता है।

5)इतरेतराश्रय दोष क्या कहलाता है?

Ans- द्रव्यकर्म से रागादिक होते है और रागादिक से द्रव्यकर्म बंधते हैं यह एक दूसरे के आश्रित है इसमें कहीं रुकाव नहीं है इसलिए इसे इतरेतराश्रय दोष कहते हैं।

6) अगर आत्मा पहले से शुद्ध था और फिर कर्म अचानक से आत्मा से मिले तो ऐसा मानने से क्या होता?

Ans-इसका मतलब यह है कि जीव पहले सिद्ध था और किसी दिन कर्म आत्मा से मिला तो सिद्ध बन जाने पर भी जीव संसार में आ जाता है अथात् मुक्ति फिर पुन: संसार इसलिए ऐसा मानना उचित नहीं है । कर्म और जीव का संबंध अनादि से है ऐसा ही जानना चाहिए।

Notes Written By Khushi Jain.

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