Wednesday, November 8, 2023

Class Date: 6-11-23
Chapter: दूसरा अधिकार 
Page#: 21
Paragraph #: 1
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Summary:

रिक्त स्थान भरो-


 Q.1 _______धर्म ही_______ का सच्चा उपाय हैं।
   
Ans-  ( *रत्नत्रय, मोक्ष प्राप्ति* )


 Q.2 चार गतियों मे भ्रमण का मूल कारण_______ है।  

Ans- (मिथ्याभाव)

 Q.3 प्रत्येक जीव का परम हित________ से छूटने मे ही है।

Ans- ( *कर्म बन्धन)* 

 Q.4 कर्म का बन्धन आत्मा मे _________ के समान ही कहा गया है

Ans-  [ *विजातीय तत्वो ]* 

 Q.5 भली/ हितकारी वस्तु की प्राप्ति का सच्चा उपाय करना ही जीव_____ का है। 

Ans- [ *कर्तव्य ]*

✅और ❌ बताइये -


 Q.1 मोक्षमार्ग प्रकाशक ग्रन्थ के दूसरे अधिकार में संसार अवस्था का स्वरूप बताया गया है। 

Ans- ✅

 Q.2 मिथ्यादर्शन मिथ्याज्ञान, मिथ्याचरित्र संसार से छूटने का उपाय है। 

Ans- ❌
  
 Q.3 मोह, राग, द्वेष के अभाव होने पर ही आत्मा का निज स्वाभाव प्रगट हो सकता है। 

Ans- ✅

Q.4 मात्र सम्यग्दर्शन ही मोक्ष प्राप्ति का उपाय है। 

Ans-  ❌

Q.5 दु:खो का मूल कारण कर्म बंधन का अभाव हैं। 

Ans- ❌

Q.6 दुख का मूल कारण अन्य जीवों द्वारा अपने प्रति किया गया अच्छा बुरा व्यवहार होता हैं 

Ans- ❌

Q.7 मिथ्या भाव के अभाव से सम्यगदर्शन,सम्यज्ञान ,सम्यचारित्र रूप भाव प्रगट होता है।

Ans- ✅

Q.8 हमारा प्रयास सदैव दु:ख का नाश होकर सुख की प्राप्ति हो यही रहता है। 

Ans- ✅
 
 Q.9 जीव का परम हित कर्म बंध के अभाव रूप मोक्ष अवस्था में ही हैं।

Ans- ✅

 Q.10 हम निरंतर संसार के दु:खो को दूर करने का सच्चा उपाय कर रहे हैं। 

Ans-  ❌

 प्रश्न उत्तर -

Q.1 मिथ्या भावो के अभाव से क्या प्रगट होता हैं?

 *उत्तर*- आत्मा का निज स्वाभाव

 Q.2 वह कौनसे भाव है जो हमे संसार से मुक्त नहीं होने देते हैं?

 *उत्तर*- मिथ्या दर्शन, मिथ्याज्ञान मिथ्याचारित्र रूपी भाव।

 Q.3 हमारा परम कर्तव्य क्या है?

 *उत्तर* - परम हितकारी मोक्ष अवस्था की प्राप्ति का प्रयास करना।

 Q.4 पंडित जी ने रोगी और वैद्य की उपमा किनको दी है ?

 *उत्तर* - *रोगी*- संसारी जीव 
 * *वैद्य* - ग्रंथकार/ प्रवचन कर्ता / उपदेशकर्ता

 Q.5  निरंतर दु:ख दूर करने के उपाय करने के बाद भी जीव व्याकुल क्यों हो रहा है?

 *उत्तर*-  सच्चा उपाय करने का अभाव है। दुख के अभाव रूप मोक्ष का उपाय नहीं किया जा रहा हैं।

 Q.6 उपदेश दाता को जीव का दु:ख दूर करने के लिए प्रथम कर्तव्य क्या होना चाहिए?
 *उत्तर* - दुःख दूर होने के सच्चे उपाय का उपदेश देना।

 Q.7 पंडित जी ने वैद्य का उदाहरण देते हुए रोग दूर करने का पहला उपाय क्या कहा है?

 *उत्तर* - सर्वप्रथम रोगी को रोग का कारण बताया जाए कि उसे कौनसा रोग हुआ है और क्यों हुआ हैं।

 Q.8 संसारी जीव हो क्या बताना अत्यन्त कठिन है?

 *उत्तर* - कर्म बन्धन का रोग ।

 Q.9 अनादि से जीव को किसका रोग हुआ है?

 *उत्तर* - कर्म बन्ध का ,(मिथ्याभावो का )।

 बहु वैकल्पिक प्रश्न -

   Q.1 रोगी/ दु:खी जीव को दुःख का कारण पता चलनेके बाद बताया जाता हैं:

Ans-

 *अ* ) रोग / दुःख के कारण से जो लक्षण दिखते हैं।

  *ब* रोग/ दुःख का निश्चय करनाl

    *स* दूर करने के उपाय और उपाय की प्रतीति।

     *द* ये सभी

           *उत्तर* - ( *द* )

 Q.2 यह जीव कर्म बंधन रूपी रोग को ठीक करने की प्रवृत्ति करेगा:

Ans-

 *अ* जब वह कर्म बंधन को स्वीकार करेगा।
  *ब* जब उसको मिथ्या भाव होंगे।
  *स* जब उसे सांसारिक सुख की प्राप्ति होगी।
   *द* जब वह पंडित बनेगा ।

    *उत्तर* - ( *अ* )

Notes Written By Pratima Jain.

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